9 Month of Pregnancy in Hindi: प्रेगनेंसी का 9 वा महीना हर महिला के लिए उत्साह से भरा होता है क्योंकि अब समय आ गया होता है जब महिला इस इंतजार में रहती है कि कब उसका बच्चा उसके हाथों में होगा | इस महीने घर में खुशियों का माहौल होता है सब घर में आने वाले नन्हे मेहमान की प्रतीक्षा कर रहे होते हैं ऐसे में प्रेग्नेंट महिलाएं अनजाने में कुछ गलतियां कर देती हैं और इसीलिए प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में महिला को खास बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे कि वह क्या खा रही है उन्हें क्या नहीं खाना चाहिए कौन कौन सी सावधानियां रखनी चाहिए ताकि आने वाले नन्हे मेहमान को कोई भी परेशानी ना हो
प्रेग्नेंसी के नौवें महीने (9 Month of Pregnancy in Hindi) में क्या खाएं
प्रेगनेंसी के दौरान क्या खाना चाहिए यह जानकारी हर प्रेग्नेंट महिला को होनी चाहिए क्योंकि आप जो खाती हैं उसका असर आपके बच्चे पर होता है | आपके खाने का या रहन-सहन का, आपके बच्चे पर डायरेक्ट असर पड़ता है तो आइए बात करते हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान आपको क्या खाना चाहिए
फोलिक एसिड
बच्चे के दिमाग का सबसे ज्यादा विकास प्रेगनेंसी के 33 हफ्ते से लेकर 36 हफ्ते में होता है | ऐसे में प्रेग्नेंट महिला को प्रेगनेंसी के आठवें महीने से ही फॉलिक एसिड लेना शुरू कर देना चाहिए | इसके लिए आप डॉक्टर की मदद से मेडिसिन भी ले सकती हैं, पर अगर आप मेरी राय माने तो आपको प्राकृतिक तरीके से फॉलिक एसिड लेना चाहिए | जिसके लिए आप हरी हरी पत्तेदार सब्जियां, फल खा सकती हैं, क्योंकि इनके अंदर फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में होता है |
कैल्शियम
बच्चे की शारीरिक मजबूती के लिए और हड्डियों के मजबूत होने के लिए कैल्शियम का भरपूर मात्रा में सेवन करना बहुत जरूरी है, क्योंकि कैल्शियम ही आपके बच्चे की हड्डियों को मजबूत बनाता है | इसके लिए भी आप डॉक्टर की मदद से सप्लीमेंट ले सकती हैं | अगर आप प्राकृतिक तरीके से कैल्शियम लेना चाहती हैं तो आपको डेरी प्रोडक्ट जैसे दूध दही इनका सेवन करना शुरू कर देना चाहिए |
आयरन
आयरन आपके बच्चे और आपके शरीर के लिए बहुत जरूरी है, ऐसे में आप आयरन का सप्लीमेंट भी ले सकती हैं | प्राकृतिक तरीके से आयरन को लेने के लिए आप खजूर, पालक, चिकन और भी बहुत सारी चीजों से आयरन की पूर्ति कर सकती है, लेकिन आयरन को खाने के साथ-साथ इस को पचाना भी बहुत जरूरी होता है | जिसके लिए आप नींबू टमाटर संतरा इनका सेवन कर सकती है, लेकिन किसी भी चीज का सेवन करने से पहले आप एक बार अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें और अगर किसी चीज से आपको एलर्जी है तो उसको ना खाएं |
फाइबर युक्त खाना
प्रेगनेंसी के दौरान महिला को गैस और कब्ज की समस्या रहती ही है, ऐसे में फाइबर युक्त खाना खाने से आपको इस समस्या से आराम मिल जाता है | जिसके लिए आप हरी पत्तेदार सब्जियां साबुत अनाज और दालों का सेवन कर सकती हैं, इनसे आपको काफी अच्छी मात्रा में फाइबर मिल जाता है |
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प्रेगनेंसी के दौरान क्या ना खाएं
प्रेगनेंसी के दौरान ऐसी बहुत सी चीजें हैं जिनको बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए क्योंकि इनका असर आपके बच्चे पर बहुत गंभीर हो सकता है, तो आइए बात करते हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान कौन-कौन सी चीजें नहीं खानी चाहिए
कैफ़ीन
प्रेगनेंसी के दौरान कॉफी, चाय और चॉकलेट, इन तीनों चीजों से आपको दूरी बना लेनी चाहिए | क्योंकि इन में कैफीन काफी ज्यादा मात्रा में होता है जो शिशु के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता | अगर आपको चाय और कॉफी पीने की लत है, तो आप 1 या ज्यादा से ज्यादा 2 कप चाय या कॉफी ले सकती है लेकिन इससे पहले भी आपको अपने डॉक्टर से इसके बारे में बात जरूर करनी चाहिए |
सैकरीन
सैकरीन एक आर्टिफिशियल मिठास होती है, जो कि कृत्रिम तरीके से बनाई जाती है और इसका सेवन आपके बच्चे पर गंभीर प्रभाव छोड़ सकता है | आजकल मार्केट में आने वाले आधे से ज्यादा प्रोडक्ट के अंदर स्क्रीन होता है, इसीलिए अगर आपका मीठा खाने का दिल कर रहा है तो आपको फलों का जूस या घर में बनाई हुई मिठाई ही खानी चाहिए |
शराब और तंबाकू
प्रेगनेंसी के दौरान महिला को शराब और तंबाकू का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे बच्चे में जन्म दोष होने का खतरा बढ़ जाता है | डॉक्टर आपको प्रेगनेंसी कंसीव करते ही शराब और तंबाकू का सेवन करने से मना कर देते हैं तो आपको इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए |
जंक फूड
प्रेगनेंसी के दौरान जंक फूड खाने से बचना चाहिए, यह चीजें आपके पाचन तंत्र को खराब करती हैं और इनके अंदर जरूरी पोषण तत्व भी नहीं होते | ऐसे में जंक फूड के वजह से आपको गैस कब्ज एसिडिटी ऐसी समस्या हो सकती है, तो प्रेगनेंसी के दौरान आपको जंक फूड से दूरी बना लेनी चाहिए |
कच्चा मांस अंडे और मछली
प्रेगनेंसी के दौरान आपको हर उस चीज से दूर रहना चाहिए जिसमें मरकरी की मात्रा ज्यादा हो | खासतौर पर मछलियां, कच्चे अंडे और कच्चे मांस को बिल्कुल भी ना खाएं | क्योंकि इससे बच्चे के डेवलपमेंट पर असर पड़ता है और बच्चे का डेवलपमेंट धीमा पड़ सकता है |
प्रेग्नेंसी के नौवें महीने (9 Month of Pregnancy in Hindi) में कौन सी सावधानियां रखें
प्रेग्नेंसी के नौवें महीने (9 Month of Pregnancy in Hindi) में कुछ चीजों का आपको खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि यह समय आपके और आपके शिशु दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है | ऐसे में आपको खुश रहना चाहिए, अच्छा म्यूजिक सुनना चाहिए और ऐसी किताबें पढ़नी चाहिए जिनसे आपको अच्छा महसूस हो | इसके अलावा भी आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना है चाहिए जो कि निम्नलिखित है :
- भारी वजन बिल्कुल ना उठाएं |
- खुद को तनाव से दूर रखें |
- हमेशा अपने परिवार के साथ रहे |
- ज्यादा से ज्यादा आराम करने की कोशिश करें |
- डिलीवरी से रिलेटेड नकारात्मक बातों से दूर रहे |
- लंबे समय तक ना तो बैठे और ना ही कहीं पर खड़े रहे |
- इस समय का भरपूर आनंद लें |
प्रेग्नेंसी के नौवें महीने (9 Month of Pregnancy in Hindi) में होने वाले शारीरिक बदलाव
वैसे तो प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में बहुत सारे बदलाव आते हैं कुछ दिखाई देते हैं तो कुछ नहीं दिखाई देते हैं |जैसे कि हार्मोन में होने वाले बदलाव और जिसकी वजह से महिला के मूड स्विंग होना | इसके अलावा भी बहुत सारे बदलाव होते हैं जो शारीरिक होते हैं जोकि निम्नलिखित हैं:
- इस महीने तक प्रेग्नेंट महिला का वजन लगभग 11 से 16 किलो के बीच में बढ़ जाता है |
- पीठ के निचले हिस्से में काफी तेज दर्द रहने लगता है |
- योनि स्राव बढ़ जाता है |
- झुकना मुश्किल हो जाता है |
- प्रेग्नेंसी के नौवें महीने (9 Month of Pregnancy in Hindi) तक गर्भवती महिला का श्रोणि भाग खुलने लगता है |
प्रेग्नेंसी के नौवें महीने (9 Month of Pregnancy in Hindi) में बच्चे का विकास और आकार
प्रेग्नेंसी के नौवें महीने (9 Month of Pregnancy in Hindi) तक शिशु का विकास पूरा हो जाता है और शिशु नीचे खिस कर श्रोणि भाग में आ जाता है, अब जानते हैं कि प्रेग्नेंसी के नौवें में महीने (9 Month of Pregnancy in Hindi) में बच्चे का कितना विकास होता है और उसका कितना आकार होना चाहिए:
- इस महीने के अंत तक शिशु लगभग 19 इंच लंबा और वजन में लगभग ढाई किलो के आसपास हो जाता है
- इस महीने तक शिशु के शरीर पर बालों की जो परत होती है, जो भ्रूण को ढक कर रखती है, वह हटने लगती है
- अब हाथ पैर पूरी तरह बन चुके होते हैं और उसके नाखून भी आने लगते हैं
- बच्चे की त्वचा एकदम गुलाबी और चिकनी हो जाती है ताकि बच्चे को जन्म लेने में कोई समस्या ना आए
दोस्तों प्रेगनेंसी का 9 वा महीना (9 Month of Pregnancy in Hindi) आखरी और बहुत ही नाजुक होता है इसलिए परिवार के सभी सदस्यों को प्रेग्नेंट महिला का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए और आने वाले नन्हे मेहमान की तैयारी में जुट जाना चाहिए इसके अलावा अगर आपको कोई भी समस्या महसूस हो तो आपको तुरंत डॉक्टर से कांटेक्ट करना चाहिए